रोबोट की मदद से की जा रही सटीक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग ने लोगों को किया जागरूक

पानीपत। हाल के दिनों में रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट हमें एकदम सटीकता के साथ ऑपरेशन करने में सर्जरी के क्षेत्र काफी प्रगति हुई है. जोड़ों की समस्याओं सहायता मिलती है. ऑपरेशन के दौरान रियल टाइम के इलाज के लिए रही लेटेस्ट तकनीक के बारे में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. इस तरह की सर्जरी में पोस्ट सर्जरी मरीजों को बहुत लाभ मिलते हैं। जिन मरीजों की स्थिति गंभीर होती है और नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट जैसे एक्टिविटी मॉडिफिकेशन, फिजिकल थेरेपी या दवाओं से उन्हें राहत नहीं मिल पाती, ऐसे मरीजों को जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत पड़ती है. जोड़ों में दर्द, कठोरता, सीमित गतिशीलता, सूजन, अस्थिरता, या पोस्ट ट्रॉमेटिक गठिया जैसे इसके लक्षण हैं जो गिरने, चोट या खेल की चोटों के कारण होते हैं।  

 

मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग (नई दिल्ली) में रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट एंड ऑथोपेंडिक के डायरेक्टर डॉक्टर साइमन थॉमस ने रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के फायदों की जानकारी देते हुए बताया, "टोटल जॉइंट रिप्लेसमेंट को पुनरुत्थान भी कहा जाता है जिसमें कार्टिलेज के क्षतिग्रस्त हिस्सों को हटाया जाता है और इसे मेटल / सिरेमिक कैप से बदल दिया जाता है, इससे क्षतिग्रस्त जोड़ों के अंदर मूवमेंट पैदा हो जाता है. आज हम एक रोबोट सिस्टम का लाभ उठाते हैं जो मरीज के घुटने का 3 डी मॉडल हमारे सामने प्रस्तुत करता है, जिससे इमेजिंग और सेंसर सटीक एडजस्टमेंट की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे हर मरीज की आवश्यकताओं के हिसाब से ऑप्टिमल फिट और अलाइनमेंट सुनिश्चित किया जाता है. यह मिनिमली इनवेसिव अप्रोच टिशू का ट्रामा कम करती है, मरीज की रिकवरी तेजी से होती है, निशान कम आते हैं और दर्द कम होता है. रोबोट असिस्टेड सर्जरी में रियल टाइम फीडबैक और जॉइंट मोशन का पता लगता रहता जिससे मरीज की जरूरत के अनुरूप रिप्लेसमेंट हो पाता है, इस प्रकार जॉइंट की कार्यक्षमता बढ़ती है और पीड़ित के जीवन में भी सुधार आता है।

 

जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी और ऑपरेशन के बाद के फायदों के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉक्टर लक्ष्य गुलाटी, कंसल्टेंट, रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट एंड ऑथोपेडिक, मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग ने कहा, "जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की सलाह गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को दी जाती है. ये ऐसे केस होते हैं जिनमें नॉन सर्जिकल इलाजों जैसे एक्टिविटी मॉडिफिकेशन, फिजिकल थेरेपी या दवाओं का असर नहीं हो पाता।

 

जोड़ों में दर्द, कठोरता, सीमित गतिशीलता, सूजन, अस्थिरता, या पोस्ट ट्रॉमेटिक गठिया जैसे इसके लक्षण हैं जो गिरने, चोट या खेल की चोटों के कारण होते हैं. गंभीर गठिया के मामले में टोटल जॉइंट रिप्लेसमेंट किया जाता है, इससे मरीज को अस्पताल में कम वक्त भर्ती रहना पड़ता है, तेजी से रिकवरी होती है और मरीज संतुष्ट भी रहता है।

 

जोड़ों की समस्याओं को तुरंत पहचान करके, हम स्थिति बिगड़ने से पहले इलाज कर सकते हैं, इससे आगे के डैमेज को रोका जा सकता है और जटिलताओं के रिस्क को कम किया जाता है। रोबोटिक सर्जरी के बाद मरीज अक्सर सर्जरी के दो दिन बाद घर जाने की स्थिति में रहते हैं और मामूली मदद के साथ वो स्वतंत्र रूप से चल पाते हैं।" डॉक्टर साइमन थॉमस और उनकी टीम मैक्स मेड सेंटर पानीपत में ओपीडी में भी सेवाएं देती है. ये टीम हर गुरुवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक बैठती है। लेटेस्ट तकनीक, स्पेशल क्लिनिकल अप्रोच और बेस्ट डायग्नोस्टिक क्षमताओं के साथ, मैक्स हेल्थकेयर मुश्किल मामलों में भी जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी करने में सबसे आगे है. एडवांस रोबोटिक सिस्टम के साथ अस्पताल मरीजों को बेस्ट इलाज मुहैया कराता है और उनके जीवन में सुधार लाने का काम करता है।

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