नई दिल्ली. बोर्ड परीक्षाओं की तारीख घोषित होने के साथ ही अपने कैरियर की दीर्घकालिक योजना बना चुके छात्र असमंजस में पड़ गए हैं कि बोर्ड और प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियां एक साथ कैसे की जाए। महामारी के इस दौर में दोनों परीक्षाएं उनके लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं। बारहवीं की परीक्षा जहां बच्चों के बेहतरीन कैरियर की बुनियाद बनाने का शुरुआत होती है, वहीं इसके साथ ही प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर छात्र तनावपूर्ण स्थिति में आ जाते हैं।
प्रथम टेस्ट प्रेप के प्रबंध निदेशक अंकित कपूर ने कहा, हालांकि बारहवीं बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की एक साथ तैयारी करना बहुत जटिल होता है, लेकिन छात्रों को समझना चाहिए कि प्रवेश परीक्षा की तुलना में बारहवीं का सिलेबस सीमित और निर्धारित रहता है। वहीं, प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों की दक्षता परखी जाती है। लिहाजा सफल कैरियर बनाने के लिए दोनों परीक्षाओं के बीच रणनीतिक संतुलन बनाते हुए तैयारी करना बहुत जरूरी होता है।
यह कहना तो आसान लगता है कि टाइम टेबल बनाकर तैयारी की जा सकती है लेकिन इसका पालन करना बहुत कठिन होता है। परीक्षा की इस आखिरी घड़ी में टाइम टेबल बदलकर तैयारी करने की सलाह देना उचित नहीं है क्योंकि नई समय सारिणी के अनुकूल तैयारी करने में कई तरह की कठिनाइयां आती हैं। लेकिन इस समय यदि व्यवस्थित तरीके से तैयारी की जाए तो छात्रों को अपना कमजोर पहलू समझने और उसमें सुधार करने में मदद मिलती है।
दोनों परीक्षाओं की तैयारी में समय का प्रबंधन बहुत अहम भूमिका निभाता है। सफलता की पहली सीढ़ी तनावमुक्त रहते हुए तैयारी करना है इसलिए छात्रों को परीक्षा का तनाव लिए बिना रणनीति बनानी चाहिए। बहुत संभावना है कि उनके आसपास कुछ लोग नकारात्मक विचारों वाले, भ्रमित करने और मन में भय पैदा करने वाले होंगे।
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